शिव सूत्र - भाग 1 - सांभवोपाय - सूत्र 3. योनि वर्गः कला शरीरम् (Siva Sutras - 1-3. "Yoni vargaḥ kala Sariram,")


🌹 शिव सूत्र - भाग 1 - सांभवोपाय - सूत्र 3. योनि वर्गः कला शरीरम् 🌹

🍀 एकमूल रूप से विद्यमान विविध रूप ही विश्व का संपूर्ण शरीर हैं। 🍀

✍️. प्रसाद भारद्वाज.


https://youtu.be/t6aaxWNbVOg

शिव सूत्रों के तीसरे सूत्र "योनि वर्गः कला शरीरम्" में इस अवधारणा का अन्वेषण किया गया है कि संपूर्ण ब्रह्माण्ड अनेक रूपों से मिलकर बना है, जिनका मूल एक ही स्रोत, ब्रह्म है। यह सूत्र सभी रूपों के पीछे छिपे एकत्व को महत्व देता है और साधकों को माया के बहुविध भ्रामक रूपों से ऊपर उठकर परम चेतना के साथ एकत्व की प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है। इसमें माया के द्वारा उत्पन्न भ्रम और माला के रूप में अशुद्धियों का वर्णन किया गया है, जो ब्रह्म की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करती हैं।

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